दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसा: चश्मदीदों ने क्या बताया
दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाक़े में एक यूपीएससी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई है. दिल्ली पुलिस ने तीनों छात्रों की पहचान सार्वजनिक की है.
सेंट्रल दिल्ली के डीसीपी एम हर्षवर्धन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया है कि एक छात्रा यूपी के अंबेडकरनगर और दूसरी तेलंगाना की थी. वहीं हादसे में एक छात्र की भी मौत हुई है जो केरल के एर्नाकुलम के रहने वाले थे.
बीबीसी की टीमने घटनास्थल पर पहुंचकर वहां हालात का जायज़ा लिया और वहां मौजूद लोगों और छात्रों से बात की.
चश्मदीदों ने बताया कि जिस इलाके़ में कोचिंग सेंटर है वहां पानी जमा होने की समस्या पुरानी है. उनकी शिकायत है कि यहां ड्रेनेज की सही व्यवस्था नहीं है और साफ-सफाई भी नियमित रूप से नहींं होती.
यहां के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाई कर चुके एक छात्र ने बताया कि यहां स्टूडेंट्स के रहने की व्यवस्था भी ठीक नहीं है. जगह-जगह पर बिजली के तार भी गिरे रहते हैं, इससे किसी को भी करंट लग सकता है.
उनका कहना था, “यहां किराये के कमरों के लिए ब्रोकरेज भी काफी महंगा है. यहां बेहतर सुविधा नहीं है, लेकिन छात्र इन इलाक़ों में रहने को मजबूर होते हैं.”
कोचिंग सेंटर के पास खाने-पीने की चीज़ों का दुकान चलाने वाली आशा ने बताया कि शनिवार को बारिश की वजह से सेंटर के पास सड़क पर काफी पानी जमा हो गया था.
उन्होंने बताया, “शनिवार शाम छह बजे यहां बारिश हुई तो यहां काफी पानी भर गया था. कुछ देर में एक कार बड़ी तेज़ी से आई और उससे सड़क पर जमा पानी तेज़ी से कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में घुस गया.”
“कार जाने के बाद पानी की रफ्तार से सेंटर का गेट टूट गया. गेट टूटा तो पानी अंदर ही जाएगा.”
घटना के बाद इलाक़े में कोचिंग संस्थान के बाहर लगातार छात्रों का प्रदर्शन चल रहा है. छात्र इस मामले में इंसाफ़ की मांग कर रहे हैं और दिल्ली नगर निगम के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे हैं.
कई नाराज़ छात्र कोचिंग सेंटर की ओर बढ़ रहे थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगा कर रोक लिया था.
‘दिल्ली में ऐसी घटना शर्मनाक’
एक छात्रा ने कहा, “ये बताया जा रहा है कि तीन छात्रों की मौत हुई है. लेकिन कोई अधिकारी या प्रशासन आधिकारिक आंकड़े नहीं बता रहा है.”
उन्होंने कहा, “सबसे ख़राब रवैया कोचिंग मालिकों और शिक्षकों का है. इतना बड़ा हादसा हुआ लेकिन एक भी शिक्षक यहां आकर छात्रों के समर्थन में खड़ा नहीं दिखता. यहां कोई नहीं आया है.”
उन्होंने कहा कि इस इलाक़े में कई इमारतों में बेसमेंट में लाइब्रेरियां बनाई गई हैं.
उन्होंने कहा, “ये राजनीतिक नेताओं, एमसीडी अधिकारी और ज़मीन मालिकों के बीच सांठगांठ है. 90 फ़ीसदी लाइब्रेरी बेसमेंट में है. छात्र छोटे-छोटे कमरों में रहते हैं, उनमें खिड़कियां नहीं है. घुटन होती है.”
“इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है, लोगों ने सड़क पर अतिक्रमण कर रखा है. क्या एमसीडी दिल्ली को ये दिखता नहीं है? ये हादसा राजनीतिक नेता, एमसीडी दिल्ली और कोचिंग संस्थानों के मालिकों के गठजोड़ का नतीजा है.”
कोचिंग संस्थानों के रवैये पर सवाल
एक और छात्रा ने कोचिंग संस्थानों के मालिकों के रवैये को लेकर कहा, “वो लोग हमसे संवाद नहीं करते. आम तौर पर उनसे मिलना बड़ा मुश्किल है. ऐसे में ये कैसे उम्मीद की जा सकती है कि उन्हें अपनी बात बताई जाए.”
उन्होंने कहा, “कोई भी इन हालातों से जूझ रहे छात्रों से बात नहीं करता. ये आए दिन होता रहता है, हम डरकर कमरों में बैठ जाते हैं कि कहां कोई ऐक्शन नहीं लिया जाएगा.”
हादसे से उत्तेजित छात्रों में से एक, देवांश राजपूत ने बीबीसी हिंदी को बताया, “दिल्ली आम शहर नहीं है. ये राजधानी है. केंद्र हो या राज्य सरकार या स्थानीय प्रशासन, इस तरह की घटना पर शर्म आनी चाहिए. राजधानी में इस तरह की घटना हो रही है.”
उन्होंने कहा, “पिछले साल कोचिंग इंस्टीट्यूट में आग लगने से छात्रों को दूसरी-तीसरी मंजिल से नीचे कूदना पड़ा था. पिछले सप्ताह करंट लगने से एक छात्र की मौत हो गई.”
“कोचिंग इंस्टीट्यूट वाले लाखों रुपये लेते हैं और माता-पिता को सपने दिखाते हैं कि उनके बच्चे अफ़सर-कलेक्टर बनेंगे. लेकिन वो उन्हें जिंदा वापस नहीं भेज पा रहे हैं. न कोचिंग संस्थान और न प्रशासन बता रहा है अब तक कितने लोग मरे हैं. ये मौत नहीं मर्डर है.”
पुलिस ने क्या कहा?
सेंट्रल दिल्ली के डीसीपी एम हर्षवर्धन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “मरने वालों में एक छात्रा श्रेया यादव हैं. श्रेया यूपी के अंबेडकरनगर की रहने वाली थीं. तान्या सोनी का स्थायी पता तेलंगाना का था तो वहीं नेविन डेल्विन केरल के एर्नाकुलम के रहने वाले थे.”
“मरने वाले सभी लोगों के परिजनों को सूचित कर दिया है.”
डीसीपी हर्षवर्धन ने बताया कि इस मामले में कोचिंग इंस्टीट्यूट और इमारत के मैनेजमेंट के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.
उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच जारी है और किसी भी दोषी को बख़्शा नहीं जाएगा.