NEET UG: क्या जेईई की तरह 2 चरणों में होगी नीट यूजी परीक्षा?
IIT दिल्ली के पूर्व निदेशक ने दिया खास सुझाव
नीट यूजी परीक्षा पैटर्न:
हर साल लाखों स्टूडेंट्स नीट यूजी परीक्षा देते हैं. इस साल भी 23 लाख अभ्यर्थियों ने नीट यूजी परीक्षा दी थी. इस साल नीट यूजी पेपर लीक होने की खबर आई थी. मामले की जांच चल रही है और एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी भी सवालों के घेरे में है. अगले सत्र से नीट यूजी परीक्षा को ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने लोगों से सुझाव मांगे हैं. इसी बीच आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक वी रामगोपाल राव ने अपना आइडिया शेयर किया है.
वी रामगोपाल राव 2016 से 2021 के बीच आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर रह चुके हैं (V Ramgopal Rao). फिल्हाल वह बिट्स पिलानी के सभी कैंपस के ग्रुप वाइस चांसलर हैं. वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. उन्होंने नीट यूजी परीक्षा को जेईई परीक्षा पैटर्न की तरह करवाने का सुझाव दिया है. इससे पेपर लीक और चीटिंग जैसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी. उनके पोस्ट को 10 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं. कई यूजर्स ने कमेंट में अपनी सलाह भी लिखी है.
NEET UG Exam Pattern: नीट यूजी के मौजूदा पैटर्न में क्या परेशानी है?
वी रामगोपाल राव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- मौजूदा दौर में नीट के साथ कई कॉम्प्लेक्सिटी जुड़ी हैं. इस साल की बात करें तो करीब 23 लाख स्टूडेंट्स ने नीट यूजी परीक्षा दी थी. उन्होंने यह भी लिखा कि हर साल नीट यूजी परीक्षार्थियों की संख्या 10 प्रतिशत बढ़ जाती है. यह एग्जाम 13 भाषाओं में कंडक्ट किया जाता है. इसके लिए 5000 परीक्षा केंद्र बनाए जाते हैं.. और सबसे बड़ी बात है कि सिर्फ एक परीक्षा के जरिए लाखों स्टूडेंट्स के भविष्य का फैसला किया जाता है.
NEET UG 2024: नीट यूजी में क्या नहीं हो सकता है?
आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक वी रामगोपाल राव ने अपनी कीमती सलाह के साथ ही उन पॉइंट्स का भी जिक्र किया, जिन्हें नीट यूजी परीक्षा में अप्लाई नहीं किया जा सकता है.
पेन-पेपर आधारित परीक्षा-
नीट यूजी परीक्षा को पेन-पेपर मोड में करवा पाना मुमकिन नहीं है (NEET Exam Pattern). फिजिकल प्रश्न पत्रों के मल्टिपल सेट्स हजारों एग्जाम सेंटर पर पहुंचा पाना प्रैक्टिकल सुझाव नहीं है. एनटीए थर्ड पार्टी वेंडर्स और कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ पर निर्भर है. उसके पास अपनी फैकल्टी नहीं है. नीट जैसी हाई स्टेक परीक्षा में इतने सारे बाहरी लोगों की ईमानदारी को सुनिश्चित कर पाना काफी चुनौतीपूर्ण और रिस्की है.
कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन परीक्षा-
23 लाख परीक्षार्थियों के लिए एक सिटिंग वाला ऑनलाइन एग्जाम करवा पाना आसान नहीं है. आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक वी रामगोपाल राव के मुताबिक, प्रति सेशन में सिर्फ 2.5 लाख कंप्यूटर टर्मिनल सिक्योर करवाए जा सकते हैं. यह इंफ्रास्ट्रक्चर भी सिर्फ एक ही वेंडर उपलब्ध करवा सकता है. जेईई एडवांस्ड परीक्षा देश की सबसे बड़ी कंप्यूटर आधारित परीक्षा है. इसमें भी 2 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स नहीं बैठ सकते हैं.
NTA NEET UG Paper Pattern: नीट यूजी परीक्षा पैटर्न में क्या बदलाव किया जा सकता है?
नीट यूजी परीक्षा को जेईई की तरह आयोजित करवाया जा सकता है. इससे इसकी पूरी प्रक्रिया को ज्यादा ट्रांसपेरेंट बनाया जा सकेगा. जानिए कैसे-
नीट प्रीलिम्स-
जेईई मेंस की तरह नीट प्रीलिम्स को भी कई सेशन में कंप्यूटर मोड में आयोजित करवा सकते हैं. हर बैच में करीब 2 लाख स्टूडेंट्स परीक्षा दे सकते हैं. हर स्टूडेंट को अलग प्रश्न पत्र दे सकते हैं, इससे पेपर लीक पर कमान कसने में मदद मिलेगी. एक्सपर्ट की मदद से कंप्यूटर सिस्टम को सिक्योर कर सकते हैं. स्टूडेंट्स को दो बार परीक्षा देने का मौका मिलना चाहिए. परीक्षा खत्म होते ही उनके स्कोर उपलब्ध करवा दें. यह शॉर्टलिस्टिंग परीक्षा होगी इसलिए नॉर्मलाइजेशन की चुनौती नहीं रहेगी.
नीट एडवांस्ड-
नीट प्रीलिम्स के जरिए चुने गए टॉप 2.5 लाख स्टूडेंट्स नीट एडवांस्ड परीक्षा दे सकते हैं. इसका संचालन सिर्फ एम्स के जिम्मे होना चाहिए. जेईई एडवांस्ड की तरह नीट एडवांस्ड को भी कंप्यूटर पर आधारित कर सकते हैं. इसमें उन्हीं चीजों पर फोकस करें, जिससे स्टूडेंट्स तैयारी के समय कॉन्सेप्ट पर फोकस कर सकें. परीक्षा की सिक्योरिटी और इंटेग्रिटी को बनाए रखने के लिए इंस्टीट्यूशनल ओनरशिप होनी चाहिए. इसके लिए जरूरी है कि एम्स नीट एडवांस्ड का पूरा कंट्रोल अपने पास रखे.
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